जाने क्या है राखी का शुभ मुहर्त:- पढ़े राखी बांधते वक्त ये मन्त्र जिससे भाई की उम्र लम्बी होगी और उसके धन में समृद्धि होगी

रक्षा बंधन का महत्व
रक्षा बंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. खासतौर पर उत्तर भारत में इसे दीवाली या फिर होली की तरह पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह हिंदू धर्म के उन त्योहारों में से एक हैं, जिन्हें पुरातन काल से मनाया जाता आ रहा है. यह त्योहार भाई-बहन के असीम प्रेम और अटूट रिश्ते को दर्शाता है और राखी का धागा दोनों के स्नेह को दर्शाता है. देशभर के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में सावन की पूर्णिमा पर जल देवता वरुण की पूजा की जाती है. 
रक्षा बंधन की तिथि
राखी का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार सोमवार को मनाया जा रहा है और इस वजह से इसका महत्व बढ़ जाता है. दरअसल, सावन के महीने में सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है. इस वजह राखी के सोमवार के दिन होने पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. 
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: अगस्त 2, 2020 को 21:31:02 से पूर्णिमा आरम्भ
पूर्णिमा तिथि सामप्त: अगस्त 3, 2020 को 21:30:28 पर पूर्णिमा समाप्त
रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त
माना जाता है कि रक्षा बंधन के दिन अपराह्न यानी कि दोपहर के वक्त राखी बांधनी चाहिए. अगर अपराह्न समय न हो तो प्रदोष काल में राखी बांधनी चाहिए. कहा जाता है कि बहनों को भद्र काल में अपने भाई को राखी नहीं बांधनी चाहिए. पौराणिक कथा के अनुसार, रावण की बहन ने रावण को भद्र काल में राखी बांधी थी, जिस वजह से रावण का सर्वनाश हो गया था. 
राखी बांधने का अपराह्र मुहूर्त: 3 अगस्त 2020 को दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से दोपहर को 04 बजकर 24 मिनट तक है.
राखी बांधने का प्रदोष मुहूर्त: 3 अगस्त 2020 को शाम 07 बजकर 07 मिनट से रात 09 बजकर 15 मिनट तक है. 
राखी बांधने की विधि:
रक्षा बंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, संपन्ना और खुशहाली की कामना करती है. वहीं भाई अपनी बहनों को तोहफे देकर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं. राखी के दिन आप अपने भाई को इस तरह से राखी बांधे:
-सबसे पहले राखी की थाली सजाएं. इस थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज, दीपक और राखी रखें.
- अब अपने भाी को तिलक लगाएं और उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र यानी कि राखी बांधें.
- इसके बाद अपने भाई की आरती उतारें.
- अब भाई का मुंह मीठा कराएं.
- राखी बांधते वक्त इस मंत्र का उच्चारण करें. जिससे भाई की उम्र लम्बी होगी और उसके धन में समृद्धि होगी
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।