भद्रा का नही रहेगा कोई प्रभाव, विघ्नहर्ता की करे स्थापना, जाने श्री गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि और मन्त्र

शुभ योग शुभ मुहूर्त में घर घर विराजेंगे बप्पा - आचार्य अंकित मार्कण्डेय
अग्नि साक्षी न्यूज़।  22 अगस्त से एक सितंबर तक गणेश उत्सव देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा। भाद्र पद शुक्ल पक्ष चतुर्थी संवत्सर विक्रम संवत 2077 चतुर्थी तिथि  21 अगस्त को रात्रि 11 बजकर 2 मिनट से प्रारंभ होगी जो कि 22 अगस्त शाम 7 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। माँ शीतला संस्कृत पाठशाला के आचार्य अंकित मार्कण्डेय ने बताया कि इस बार गणपति महाराज की स्थापना हस्त नक्षत्र और रवि योग में होगी। वहीं चन्द्रमा कन्या राशि में रहेंगे, इस दिन भद्रा भी रहेगी। गणेश जी की पूजा स्थापना दोपहर में करना चाहिए क्यो की भगवान गणेश का जन्म दोपहर में ही हुआ था, भद्रा का आरंभ सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात्रि 7 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। हालांकि भद्रा को शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है, लेकिन विघ्न विनाशक गणेश जी की स्थापना भद्रा की वजह से प्रभावित नहीं होगी। आप बिना विचार किए शुभ मुहूर्त में बप्पा को बैठा सकते है।
इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर सूर्य सिंह राशि में और मंगल मेष राशि में रहेगे साथ ही रवि योग रहेगा,  आचार्य मार्कण्डेय जी ने बताया कि गणेश उत्सव पर सूर्य और मंगल अपनी-अपनी स्वामित्व वाली राशि में रहेंगे और घर-घर गणपति विराजेंगे। 
 गणेशोत्सव चित्रा नक्षत्र में शुरू होता है, इसके स्वामी मंगल हैं। इसी वजह से मंगल ग्रह वार मंगलवार को भी गणेशजी का विशेष पूजन करने की परंपरा है। चित्रा नक्षत्र का पहला चरण कन्या राशि का होता है, इसका स्वामी बुध है। इस कारण बुध ग्रह के वार बुधवार को गणेशजी की पूजा खासतौर पर की जाती है।
शुभ योग...
इस बार गणेशचतुर्थी  पर चार ग्रह सूर्य सिंह राशि में, मंगल मेष में, गुरु धनु में और शनि मकर में रहेगा। ये चारों ग्रह अपनी-अपनी स्वामित्व वाली राशियों में रहेंगे। इन ग्रह योगों में गणेश उत्सव की शुरुआत भारत के लिए शुभ रहने वाली है। सभी ग्रहों की अनुकूलता और स्वतंत्र भारत की राशि कर्क के लिए यह समय श्रेष्ठ रहेगा।
गुरु धनु में...
गुरु धनु में होने से यह संयोग ओर भी बेहतर बनेगा। व्यापार उन्नति करेगा और विश्व में भारत का वर्चस्व बढ़ेगा। आपदाओं में कमी आएगी। आतंकवाद नियंत्रण में रहेगा। जनता के लिए भी यह समय घीरे धीरे अनुकूल बनता जाएगा।
गणेश स्थापना मुहूर्त...
गणेश पूजा मुहूर्त 22 अगस्त 2020 की मध्याह्न में सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक है।
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ-
 21अगस्त 2020 रात 11:02
चतुर्थी तिथि समाप्त -
22अगस्त2020 शाम 07:57
मूर्ति विसर्जन अनन्त चतुर्दशी 1 सितंबर, 2020 को किया जाएगा.।
पूरे दिन स्थापना के  शुभ मुहूर्त...
- सुबह 7.30 से 9 बजे तक।
-मध्याह्न 11:06 से 01:42 तक
 - दोपहर 02:05 से 05:17तक
 - दोपहर 03:41 से 05:17 तक
- शाम    06:53 से 08:17 तक
कैसे करे पूजा...
 चौकी (पाठ) पर कलश के साथ करें गणपति की स्थापना  ..
गणेश चतुर्थी के दिन प्रात:काल स्नानादि नित्य कर्म से निवृत होकर गणेश जी की प्रतिमा . यह प्रतिमा सोने, तांबे, मिट्टी, या गाय के गोबर आदि से बनी होना चाहिए. एक  कलश को लेकर उसमें जल भरकर उसमें सुपारी सिक्का डालें और उसमें नारियल रखे , इसके बाद एक चौकी स्थापित करें और उस पर कलश के साथ गणपति की प्रतिमा  शुभ मुहूर्त में स्थापित करें.
गणपति को क्या-क्या चढ़ाएं?...
प्रतिमा पर कुमकुम हल्दी , अबीर गुलाल,सिंदूर, केसर, हल्दी, चन्दन,मौली, जनेऊ आदि चढाकर षोडशोपचार , पञ्चोपचार के साथ उनका पूजन करे. गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 11,21 लड्डूओं का भोग लगाएं. गणेश प्रतिमा के पास पांच लड्डू रखकर बाकी गरीबों में बांटे पश्चात परिवार के सभी सदस्य ग्रहण करे .
मन्त्र  जाप...
दोपहर, वह शाम के समय में गणेश जी की विधिवत पूजा करें. इसके बाद गणेश जी की कथा और गणेश चालीसा का पाठ , गणेशअथर्वशीर्ष अवश्य करें. अंत में गणेश जी की आरती करें और "ओम् गं गणपतये नमः" मंत्र की एक माला का जाप करना चाहिए.।