अपने आराध्य श्री राम के मंदिर शिलान्यास की पुर्व संध्या राममय हुए बाबा श्री महाकालेश्वर, श्री महाकालेश्वर मंदिर में मुख्य द्वार से गर्भ गृह तक 1100 दीपकों से की गई रोशनी 

दोनो पार्टीयों ने बांटे अपने-अपने भगवान, भाजपा के श्री राम तो कांग्रेस के श्री हनुमानअग्नि साक्षी उज्जैन । विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में श्री राम मंदिर शिलान्यास को लेकर एक अजीब सा उत्साह छाया हुआ है। श्री राम मंदिर शिलान्यास की पूर्व संध्या पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में मुख्य द्वार से  गर्भ गृह तक दीपक से रोशनी की गई। आखिर क्यों ना हो बाबा श्री महाकालेश्वर के भी आराध्य श्री राम हैं। रामनाम से उन्हें अत्यंत स्नेह है। शायद राम के 390 साल बाद पुन: अयोध्या में काबिज होने पर बाबा शिव खुद 1 दिन पूर्व दीपक जलाकर कह रहे हैं कि सजा दो ''धरती को दीपक से मेरे सरकार आए हैंÓÓ वास्तव में श्री महाकालेश्वर मंदिर में संध्या आरती के पूर्व में यह रमणीय दृश्य देखने को मिला श्री राम मंदिर को शिलान्यास को लेकर धीरे-धीरे सारे देश में माहौल गरमा रहा है। उसके 1 दिन पूर्व उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर से इसकी शुरुआत हो गई।
श्री महाकालेश्वर मंदिर का मुख्य द्वार प्रभु श्रीराम के पुन: 390 साल बाद अयोध्या पधारने पर  श्री महाकालेश्वर ने अपने आराध्य के आगमन पर दिपोत्सव किया
कांग्रेस भी समझी श्री राम को मनाने के लिए हनुमान जी का सहारा जरूरी, प्रदेश सहित उज्जैन में जगह-जगह हनुमान चालीसा-सुंदरकांड इसे समय का बदलाव ही कहा जाएगा कि जो पार्टी खुले मंच पर कहने से डरती थी अब वही पार्टी श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर शिलान्यास की पूर्व संध्या पर पूर्व मुख्यमंत्री के आवाहन पर सारे प्रदेश में हनुमान चालीसा का पाठ कर रही है। उज्जैन के भी सभी कांग्रेसी नेताओं ने अपने आलाकमान के आदेश अनुसार श्री राम भगवान के प्रति अपनी वफादारी हनुमान चालीसा के माध्यम से प्रकट की। अधिकांश नेताओं ने मंदिर में या सामूहिक रूप से घर पर निर्धारित समय पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। यह आयोजन रात तक चलते रहे इंद्रदेव की प्रसन्नता के कारण कहीं-कहीं इन आयोजनों में कुछ परेशानी आई पर भगवान राम अयोध्या आगमन के शिलान्यास पर पहली बार दोनों पार्टियां राजनीति रोटियां सेकने से नहीं चूक रही हैं। कांग्रेस ने भी देखा कि श्री राम तो अभी भाजपा के ही हैं श्री राम सबसे ज्यादा स्नेह यदि किसी से है तो वो है हनुमान। कांग्रेस में श्री राम भगवान को मनाने का यही रास्ता अपनाया और इसके लिए उन्होंने मंगलवार शिलान्यास की पूर्व संध्या का वार चुना और बस फिर क्या था सोशल मीडिया पर लाइव रिकॉर्डेड वीडियो आना शुरू हो गए। कांग्रेस भी समझ गई है हिंदू जनमानस में श्री राम की कीमत क्या है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अयोध्या श्री राम मंदिर निर्माण पर स्वीकारा कि आज राजीव जी जिंदा होते तो सबसे ज्यादा प्रसन्न होतेअभी लगभग 2 माह पूर्व मध्यप्रदेश में कांग्रेस का शासन था कमलनाथ मुख्यमंत्री थे उन्हीं कमलनाथ ने अब कांग्रेस को मध्यप्रदेश के शासन में जिंदा करने के लिए हनुमान जी का हाथ पकड़ लिया है। उन्होंने पत्रकार वार्ता में स्वीकार किया कि श्री राम मंदिर में ताला खुलवाने वाले सर्वप्रथम व्यक्ति राजीव गांधी जी ही थे। श्री राम मंदिर का शिलान्यास भी उन्होंने उस वक्त कर दिया था आज राजीव गांधी जी जिंदा होते तो सबसे ज्यादा खुश वही होते। इसके क्या मायने निकाले जाएं लेकिन इतना तय है कि विधानसभा के उपचुनाव में श्री राम और हनुमान जी छाए रहेंगे। कमलनाथ यहीं नहीं रुके उन्होंने खुद कहा कि क्या भगवान श्री राम पर क्या भारतीय जनता पार्टी का पेटेंट है या निजीता है? कांग्रेस कोई भी धार्मिक आयोजन करती है तो भाजपा परेशान क्यों हो जाती है? उन्होंने कहा कि हम जोडऩे की राजनीति करते हैं श्री राम को सारे देश का शासक बताया। उपचुनाव के संबंध में पत्रकारों से चर्चा करने से इनकार कर दिया कहा कि आज सिर्फ श्री राम की बात होगी।
इस बार लगता है कांग्रेस और उसका आलाकमान हिंदुत्व को लेकर होने जा रही जंग में अपने आप को पीछे नहीं छोडऩा चाहता है। चाहे मुस्लिम वोटर संतुष्ट हो या ना हो पर उसे अब हिंदू वोटरों को रिझाना अवश्य प्रभावकारी लग रहा है। इसी के क्रम में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर हनुमान चालीसा के पाठ के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस की तरफ से 11 चांदी की ईंट अयोध्या श्री राम भूमि शिलान्यास हेतु भेजी जा रही हैं। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने चंदा करके इकठ्ठा  की हैं राम मंदिर शिलान्यास में इन 11 सीटों को भी मध्यप्रदेश की ओर से भेजा जा रहा है।
श्री राम मंदिर शिलान्यास कांग्रेस ने चंदा करके भेजी 11 चांदी की ईटें, क्या उज्जैन में चंदा  हुआ? या कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का कमलनाथ टॉनिक?
श्री राम मंदिर शिलान्यास को लेकर सारे देश में माहौल गरमा गया है हर कोई इसका राजनीतिक फायदा उठा रहा है। हर शहर, जिले, कस्बे में इस मंदिर को लेकर शिलान्यास दिवस की एक नई उत्सुकता बन रही है। इसी उत्सुकता में भीगे हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मीडिया के सामने स्वयं कहा कि प्रदेश कांग्रेस के लोगों ने चंदा करके 11 चांदी की ईटें बनवाई हैं। वह श्री राम मंदिर शिलान्यास में शिलान्यास दिवस के दिन पहुंच जाएंगे। किन्तु प्रश्न है कि अभी-अभी डेढ़ साल तक जो संगठन सत्ता में था वह संगठन इतना गरीब नहीं है कि 11 ईट भेजेगा। कमलनाथ भी खुद उद्योगपति हैं हनुमान भक्त हैं उनके लिए कोई बहुत बड़ी चीज नहीं है। जरा चांदी की ईंट का गणित कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में हनुमान चालीसा के बाद निकल के आया उसके पहले उज्जैन में किसी कार्यकर्ता ने या कमलनाथ के नजदीकी लोगों ने भी इस चांदी की ईट का जिक्र नहीं किया है। हां कमलनाथ  ने जरूर हनुमान चालीसा के बाद इस बात का जिक्र पहली बार किया। ऐसी स्थिति में क्या उज्जैन से भी कांग्रेसियों ने चंदा एकत्रित करके भेजा है या अन्य जिलों से भी चंदा गया है? या सिर्फ कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए 26 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए कार्यकर्ताओं को कमलनाथ टानिक दिया गया है? खैर जो भी हो उज्जैन से तो इस संबंध में कोई चंदा नहीं गया है इतना पक् का है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में  पूर्व भाजपा नेता विशु गुरु का परिवार श्री राम मंदिर शिलान्यास के दिन श्री महाकालेश्वर मंडप में करेगा महा आरती का आयोजन
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर और राजनीति परस्पर आपस में जुड़े हुए है शासन किसी का भी हो राजनीति का केंद्र श्री महाकालेश्वर मंदिर ही रहता है। श्री राम मंदिर शिलान्यास को लेकर भाजपा के पूर्व पार्षद स्वर्गीय विश्वनाथ व्यास के पुत्र लोकेश व्यास द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर के पूजा मंडप में दोपहर 12:00 बजे महाआरती का आयोजन कर रहे हैं। इसमें सभी पंडे पुजारी और आमजन को आमंत्रित किया गया है। वास्तव में देखा जाए तो मंदिर प्रबंध समिति में लगातार अनदेखी के कारण व्यास परिवार पुन: भाजपा के आलाकमान को बता रहा है कि हम भी मंदिर में उपस्थित हैं जो भाजपा के कद्दावर नेता के पुत्र हैं तथा इन्हें भी अब मंदिर प्रबंध समिति के दावेदार सदस्यों में गिना जाना चाहिए।