अग्नि साक्षी उज्जैन। वर्ष में एक बार खुलने वाले श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर में इस वर्ष कोरोना के खतरे को देखते हुए जिला प्रसाशन की ओर से यह निर्देश जारी किये थे कि इस वर्ष किसी भी व्यक्ति को मंदिर में दर्शन हेतु प्रवेश निषेध रहेगा। किन्तु कुछ वीआईपी अपने पद की ताकत का उपयोग करते हुए प्रतिबन्ध के बावजूद श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन किये। दर्शन करने की गलती के बाद उन्होंने अपना रुतबा बताने के लिए वहां एक और गलती की वो थी प्रतिबन्ध के बाद भी श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर में फोटो खिंचवाए और उसके बाद उसे शोश्यल मिडिया पर वायरल भी किया।
जिसे अग्नि साक्षी ने प्रकाशित कर यह मुद्दा उज्जैन जिलाधीश आशीष सिंह तक पहुँचाया जिस पर त्वरित कर्त्यवाही करते हुए प्रशासक, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को पत्र जारी किया है साथ ही उन्होंने पत्र में यह भी आदेश दिया है की वीडियो फुटेज देख कर उस समय श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के प्रवेश गेट पर ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को 24 घंटे के अंदर तत्काल निलंबित किया जाये तथा आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों को सेवा से बहार किया जाये। कलेक्टर द्वारा गोलू शुक्ला और दीपेंद्र सिंह सोलंकी के विरुद्ध धारा 188 का प्रकरण तत्काल दर्ज करने के लिए तथा ऐसे और अनधिकृत रूप से प्रवेश करने वालो की पहचान कर उन पर कार्यवाही करने के भी आदेश जारी किये है।
साथ ही कलेक्टर सिंह द्वारा इस पत्र में कहा गया है कि श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर में इस तरह से अवैध दर्शन करने से प्रशासन की छवि ख़राब हुई है, साथ की कोरोना महामारी एक्ट में निहित प्रावधानों का उललंघन हुआ है।