अग्नि साक्षी ने पहले ही कर दिया था खुलासा, 8 दिन बाद डॉक्टर खंडेलवाल जांच में दोषी, प्रकरण दर्ज कर कायमी के आदेश
अग्नि साक्षी उज्जैन । जहां एक और शासन और डॉक्टरों की टीम अपनी जान को झोंक शहर को बचाने में लगी हुई है कुछ झोलाछाप आरएमपी डॉक्टर शहर की फिजा पुन: बदसूरत करते दिख रहे हैं ऐसा ही मामला हमने पहले ही स्पष्ट कर कर दिया था पर शासन शायद बड़ी खबरों के इंतजार में था इसीलिए उस समय इस व्यक्ति को बख्श दिया गया पुन: मामला जांच में आने पर पाया गया कि इस डॉक्टर ने फ्लू के एक मरीज का इलाज किया था। ज्ञात हो कि निमोनिया और इससे संबंधित बीमारियों का इलाज करने के पूर्व डॉक्टर को कोविड-19 सेंटर को सूचित करना चाहिए परंतु पैसों के लालच में यह आदमी भूल गया की मैं अपने पेशे से कितना बड़ा मजाकिया काम कर रहा हूं। डॉक्टर की पैसा कमाने की एक मजाक सगन आबादी वाले क्षेत्रों के लिए घातक सिद्ध हो जाएगी। यह हम पहले भी कह चुके हैं और हुआ भी ऐसा अभी तक कोविड-19 सुरक्षित रहे श्रमिक बस्ती चार पेशेंटओं की जननी बन गई है ज्ञात हो कि कल्पम आशा का एक युवक भी संक्रमित पाया गया है हो सकता है वह भी इनका ही मरीज हो। क्षेत्रवासी बताते हैं कि जब से संक्रमण कोरोनावायरस सक्रिय हुआ है तब से ही डाक साहब ने दुकान बंद नहीं की है। इनके पास में ही इनका ही स्वयं का संचालित मेडिकल स्टोर है इसलिए दवा भी यही देते हैं और जहर भी ही देते हैं।  प्रशासन इस मामले को ट्रेस नहीं कर पाता है पर दुकान की भीड़ यह बता रही थी साहब झोली भरने में लगे हैं। ज्ञात हो कि गणेशपुरा, किशनपुरा, देसाईनगर, आंबापुरा, लक्ष्मी नगर यह सभी सघन आबादी वाले क्षेत्र हैं यहां संक्रमण का खतरा  चार लॉक डाउन तक सुरक्षित रहा और उसके बाद संक्रमण ने अपना असर दिखाया और इन झोलाछाप डॉक्टरों की जरा सी शातिरता से पूरे क्षेत्र के हाथ पैर फूले हुए हैं। जांच अधिकारी बंदना मिमरोट ने इस दवाखाने की जांच कर एक फ्लू के मरीज का इलाज करने का दोषी पाया। यदि जांच अधिकारी और दिल से जांच करता और क्षेत्र में संक्रमित पाए गए लोगों से बात करता तो निश्चित हर उंगली इसी अस्पताल पर उठती। जानते होते हुए शासन को खबर नहीं करना संक्रमण फैलाने का कृत्य है ऐसे में झोलाछाप डॉक्टरों पर की गई सख्त कार्रवाई अन्य डाक्टरों में भी भय पैदा करेगी ताकि वह गलत काम ना कर सके।

30 मई को प्रकाशित अंक में हमने बताया था मक्सी रोड स्थित एक डॉक्टर ने युवक का इलाज किया

 इस अंक में हमने बताया था कि लक्ष्मीनगर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए मंडी कर्मचारी मरीज का इलाज इसी डॉक्टर सुशील खंडेलवाल के अस्पताल में चला था। 3 दिन तक उसको बोतल चढ़ाई गई उसके बाद भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ यदि यह उसी समय कोविड-19 टीम को इस संबंध की शिकायत दे देते तो शायद उक्त युवक का परिवार संक्रमण से बच जाता। बाद में इस युवक का पिता भी संक्रमित पाये गये। व देसाईनगर का एक अन्य युवक भी संक्रमित पाया गया जहां पर यह साथ में बैठते थे यदि प्रशासन उस खबर से चैतन्य हो जाता तो निसंदेह इस क्षेत्र में संक्रमण नहीं आता और आरंभिक अवस्था में डॉक्टर सचेत करके उसे समाप्त कर सकता था पर डॉक्टर खुद पेशेंट को बोलता है कि उस संबंध में डॉक्टरों से बात मत करना और मरीज डॉक्टरों से यह बात छुपा लेते हैं जो अन्य लोगों और यहां तक कि उनके परिवार की जान का सौदा है।

मक्सी रोड स्थित सुनीता खंडेलवाल स्मृति चिकित्सालय यमराज का घर, संक्रमण का अड्डा किन-किन संक्रमित हो का इलाज हुआ जांच का विषय है

लायन्स क्लब और भाजपा का सदस्य भी है दुकान के पीछे नाले तक है शासकीय भूमि पर कब्जा

उक्त डॉक्टर सुशील खंडेलवाल भाजपा का भी सदस्य हैं तथा भाजपा के कई कार्यक्रमों में दिखता है यहां तक कि वह लायन्स क्लब का भी सदस्य है सामाजिक संगठनों की आड़ में चोला ओढक़र इस व्यक्ति ने वर्तमान चिकित्सालय के पीछे 50 फीट से ऊपर जमीन पर कब्जा कर रखा है क्योंकि यह अभी तक 15 वर्ष शासन करने वाली पार्टी के लोगों के साथ उठता बैठता था इसलिए कोई कार्यवाही नहीं हुई कई बार क्षेत्रीय पार्षद नाना तिलकर ने भी कब्जे को लेकर इसको समझाने की कोशिश की पर शासन करने वाली पार्टी का संरक्षण होने के कारण अभी भी इसका कबजा यथावत कायम है। निगम प्रशासन को चाहिए कि मामले को संज्ञान में लेकर अतिक्रमण को हटाए ताकि होम्योपैथिक की आड़ में चलने वाला यह चलित अस्पताल लोगों की जान से खेलना बंद करें।

लक्ष्मी नगर का कोरोना संक्रमित युवक घर आने के बाद पुन: एक बार फिर कोविड-19 अस्पताल में

30 मई को कोरोना वायरस लक्ष्मी नगर निवासी मंडी कर्मचारी युवक की 4 दिन पूर्व देवास के बांगर स्थित कोविड-19 सेंटर अमलतास से छुट्टी शुक्रवार हो गई थी कल शाम को अचानक उसकी तबीयत फिर बिगड़ी सांस लेने में तकलीफ होने के कारण वापस सुरक्षा सैनिक के माध्यम से कोविड-19 टीम को खबर दी गई बाद में कोविड-19 उसे पुन: एंबुलेंस में बिठाकर अस्पताल ले गयी समाचार लिखे जाने तक व्यक्ति घर नहीं आया था युवक के परिजनों ने बताया कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी इस कारण उसे अस्पताल एंबुलेंस को बुलाकर पुन: कोविड-19 के साथ भेज दिया गया है ज्ञात हो कि डॉक्टर खंडेलवाल उक्त युवक का भी इलाज किया था।