अग्नि साक्षी उज्जैन। आज-कल डॉग्स की मेटिंग कर उनके बच्चो को बेचने का गौरख धंधा काफी फल-फूल रहा है, ऐसा ही एक नजारा उज्जैन में भी देखने को मिला जब उज्जैन नगर निगम सीमा के बाहर निनोरा गांव में एक फार्म हाउस पर महंगी नस्ल के कुत्तो को मेटिंग के लिए रखा गया था, उन कुत्तो की मेटिंग कर उनके बच्चो को अच्छी खासी मोटी रकम में बेचा जाता है इसके बावजूद उन कुत्तो की देख रेख ना के बराबर हो रही थी। लॉक डाउन की वजह से इनका मेटिंग सीजन शून्य हो गया इस वजह से इनकी कमाई भी शून्य हो गई जिसके चलते इन कुत्तो पर कोई खर्चा नहीं किया गया और इन्हे भूखा मरने पर मजबूर किया गया।
विदेशी नस्ल के सभी कुत्तो के बच्चो को बेचकर करते है लाखो की कमाई - यहाँ से प्राप्त सभी कुत्ते विदेशी नस्ल के है जिनकी मेटिंग कर उनसे होने वाले बच्चो को लगभग 15 से 20 हजार की मोटी रकम में बेचा जाता था कुछ की कीमत तो 30 से 40 हजार के करीब भी होती थी, जिससे इन्हे हर साल लाखो रुपयों की कमाई हो जाती है। इन ब्रीडिंग करने वालो के द्वारा हमेशा इनके साथ ऐसी क्रूरता की जाती है और जब यह ब्रीडिंग के लायक नहीं होते तो इन्हे ऐसे ही मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।
उज्जैन में नहीं किसी के पास मेटिंग का लाइसेंस - डॉग्स की मेटिंग बड़े ही अच्छे और सुरक्षित ढंग से करवाई जाती है जिससे इन कुत्तो की सेहत पर कोई गलत असर न पड़े जिसके लिए डॉग्स मेटिंग करवाने वालो को लाइसेंस जारी किया जाता है लेकिन उज्जैन में किसी भी संस्था या व्यक्ति के पास इस तरह का कोई लाइसेंस नहीं है जिससे इनके द्वारा किसी भी मानक स्तर या कुत्तो की सुरक्षा का ध्यान नहीं दिया जाता है जब शहर में एक ऐसा मामला सामने आया है तो उज्जैन पुलिस को शहर के और भी डॉग्स हाउस या ऐसी जगह का पता लगाना चाहिए जिससे इस तरह अवैध रूप से चल रही मेटिंग के अपराध को रोका जा सके साथ ही इन बेजुबान जनवारो को बचाया जा सके।
People for Animals नाम की संस्था ने रेस्क्यू करके बचाया इन बेजुबानो को - मेनका गाँधी की संस्था People for Animals का काम देश भर में बेजुबान जानवरो पर होने वाले अत्याचार को रोकना है उनकी ही उज्जैन और इंदौर की टीम को जब इस स्तिथि का पता चला तो उनके द्वारा संयुक्त रूप से रेस्क्यू कर इन कुत्तो न सिर्फ बचाया बल्कि इन्हे ऐसे परिवार भी दिलवाये जो इन्हे अब अच्छे से अपने घरो में रख कर इनका इलाज व् देखभाल कर सकेंगे।
इनका कहना -
फार्म के संचालक को पूछताछ के लिए थाने लाया गया था पूछताछ पर उसके द्वारा बतया गया है कि वह डॉग्स का अच्छे से ख्याल रखता है और उन्हें ब्रीडिंग के लिए आया गया था, लाइसेंस के सम्बन्ध में पूछने पर उसके द्वारा लाइसेंस नहीं होना बतया गया है, थाना स्तर से कारवाही का प्रावधान नहीं है ADM साहब के आदेश की बाद आगामी कार्यवाही की जाएगी। NGO द्वारा डॉग्स को खाना नहीं दिए जाने के allegations की जाँच की जा रही है।
- थाना प्रभारी, नाना खेड़ा मनीष मिश्रा
ADM तिवारी द्वारा जब इस संबध में चर्चा करने के लिए फ़ोन किया तो उनके द्वारा व्यस्तता के चलते फ़ोन काट दिया गया।
(People for Animals और दैनिक अग्नि साक्षी आपसे अपील करना चाहता है की भविष्य में आप किसी भी पेट शॉप से कोई पेट न ख़रीदे क्युकी आपको जो सुंदर और प्यारे डॉग्स या अन्य जानवर वहां नजर आते है उनके ब्रीडिंग हाउस से उन शॉप्स पर पहुंचने तक की काली सच्चाई हमेशा ऐसी ही होती है, यदि आप भविष्य में कोई भी पेट खरीदना चाहते है तो आप अपनी नजदीकी NGO या डॉग्स शेल्टर होम या अपने आस पास के वालेंटियर से संपर्क कर इन्हे अडॉप्ट कर सकते है जिसे आप इनका जीवन बचा सकते है और ब्रीडिंग के नाम पर होने वाले इस काले धंधे को बंद करने में मदद कर सकते है )