अग्नि साक्षी उज्जैन। कोरोना का कहर बाबा महाकाल के दरबार में भी प्रवेश कर चुका है सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार जयसिंह पुरा में रहने वाली एक महिला जिसको अन्न क्षेत्र में एक-डेढ़ माह पूर्व सर्दी और खांसी की शिकायत के चलते तत्कालीन प्रशासक सुजान सिंह रावत ने संदेहास्पद मानते हुए कार्यस्थल पर आने से मना कर दिया था बाद में भोजन व्यवस्था संभालने वाले निरीक्षक पंड्या ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि महिला सर्दी और खांसी से पीडि़त थी इसलिए उसका अन्य क्षेत्र में आना बंद कर दिया गया है। तब से वह महिला अन्य क्षेत्र में नहीं आ रही है, वही इस महिला के पति जो अन्न क्षेत्र में आकर बड़े बर्तन को साफ करने का काम किया करता था वह कोरोनावायरस से पीडि़त आया है कल जयसिंह पुरा स्थित उसके घर से एंबुलेंस उसको ले कर गई क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि यह व्यक्ति महाकाल अन्य क्षेत्र में जाता था महाकाल अन्य क्षेत्र के कुछ लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि महाकाल में यह बर्तन साफ और भोजन प्राप्त करने के लिए जब इच्छा होती थी तब आता-जाता रहता था ऐसी स्थिति में अन्य लोगो के संक्रमित होने के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है, मंदिर प्रशासक मामले को संज्ञान ले और यदि वह संक्रमित व्यक्ति वास्तव में लगातार आता-जाता था तो लगभग सभी पर कड़ी नजर रखें। अन्यथा कोई बड़ा संक्रमण ब्लास्ट फैलने की घटना हो सकती है
भोजन व्यवस्था प्रभारी पंड्या कि चुप्पी रहस्यमई है
विगत कई दिनों से महाकाल मंदिर अन्य क्षेत्र का प्रभार निरीक्षक पंड्या द्वारा देखा जा रहा है कर्मचारियों की सोशल डिस्टेंस उपस्थिति-अनुपस्थिति किसको कितने पैकेट देना है यह पूरा लेखा-जोखा पंड्या जी के पास रहता है ऐसी स्थिति में जबकि जयसिंह पुरा से कई कर्मचारी आते हैं यह बात कैसे छुपी रही यह समझ से परे है? बताया जाता है कि पीडि़त व्यक्ति के घर किसी गमी में इंदौर के लोग आए थे उन्हीं के द्वारा यह व्यक्ति संक्रमित हुआ है । महाकाल मंदिर समिति में कार्य करता है और वर्तमान में अन्य क्षेत्र में बर्तन साफ करता हुआ दिखता था कुछ दिनों से उसका आना अवश्य बंद है और भोजन के पैकेट के लिए वह कभी भी अन्न शाला में प्रवेश जरूर करता था और बर्तन भी साफ करता था।
कंटेनमेंट क्षेत्र से 2 और कर्मचारी आ रहे हैं महाकाल मंदिर
कंटेनमेंट क्षेत्र का उल्लंघन लगभग आम सा हो गया है और कहीं हो ना हो महाकाल मंदिर में यह व्यवस्था दिन पर दिन बढ़ती जा रही है जिस दिन से कंटेंटमेंट क्षेत्र हो जाता है वहा का आदमी बाहर सामाजिक अन्य जगह भी आने-जाने के प्रतिबंधित कर दिया जाता है। उसको उस परिधि के बाहर निकलना प्रतिबंधित रहता है, लेकिन महाकाल मंदिर में पहले पुजारियों ने आज तक इसका पालन नहीं किया कंटेनमेंट क्षेत्र से निकल-निकल कर पूजन करने आते रहे हैं जानकारी अखबार के माध्यम से शासन को दे दी गई उसके बाद अब यह कर्मचारी भी अधिकारियों द्वारा बुलाए जा रहे हैं, कंटेनमेंट क्षेत्र के वेद नगर में रहने वाली कंप्यूटर ऑपरेटर उसे भी कंटेनमेंट क्षेत्र से काम करने बुलाया गया। अति संक्रमित जानसा पूरा में मुन्ना देशवाली की डिस्क का कलेक्शन उगाने वाले महाकाल कर्मचारी कर्मचारी जिसकी पत्नी पॉजिटिव निकली उसका बच्चा अन्न क्षेत्र में 3 दिन पूर्व तक खानों के पैकेट की पैकिंग कराता रहा। आखिर प्रशासन क्या चाहता है।
आखिर प्रशासन क्या चाहता है एक तरफ शाम 7:00 से सुबह 7:00 तक कफ्र्यू मतलब कफ्र्यूू और दूसरी तरफ कंटेनमेंट क्षेत्र से संक्रमण को खुला आमंत्रण
उज्जैन पूर्व कलेक्टर शशांक मिश्र और पूर्व एसपी सचिन अतुलकर का उज्जैन से ट्रांसफर हुए 10 दिन से अधिक हो गए हैं, नए कलेक्टर ने शहर की बागडोर संभाली सुधार अवश्य है पर हरी झंडी दे दी जाए इतना भी नहीं हुआ है। वहीं एसपी सिंह ने जनहित के लिए शाम 7:00 से सुबह 7:00 तक टोटल कफ्र्यू बहुत आवश्यक नौकरी वाले और सिर्फ मीडिया बाकी सब कुछ बंद। एसपी के आदेश का अक्षर स: पालन भी हो रहा है पर यहां गौर करने वाली बात यह है कि सामूहिक संक्रमण का संभवत स्थान भीड़ वाला ही होता है और वह भी महाकाल मंदिर अन्न क्षेत्र में सोशल डिस्टेंस का पालन करें बिना। रोज भीड लग रही है एक तरफ आप शहर को बंदिशों में डाल रहे हैं दूसरी तरफ चिराग तले अंधेरा, जहां समूह का समूह किसी भी समय खतरे में आ सकता है कंटेनमेंट क्षेत्र के आदमी आखिर मंदिर क्यों आ रहे हैं समझ से बाहर है। लगातार शासकीय पुजारी विकास नन्नू गुरु और आशीष पुजारी लगातार अदला-बदली कर कंटेनमेंट क्षेत्र आंग्रे के बाड़े से मंदिर आ रहे हैं कर्मचारी भी कंटेनमेंट क्षेत्र से मंदिर आ रहे हैं और जहां तक की 20 तारीख को अन्न क्षेत्र में कार्य करने वाला कर्मचारी कुछ दिन पूर्व एक गमी के कार्यक्रम में इंदौरी लोगों से संक्रमित हुआ हालांकि उसका कुछ दिनों से मंदिर आना बंद था पर रोटी और पूरी के पैकेट के चक्कर में उसकी उपस्थिति से कोई इनकार नहीं कर सकता। ऐसे कई लोग वहां आ रहे हैं लालच सिर्फ खाना है और कुछ नहीं आखिर प्रशासन कब जागेगाद्ध। जवाबदेह अधिकारी को संज्ञान लेना चाहिए और अन्य क्षेत्र पर कड़ी निगरानी होना चाहिए। ज्ञात हो कि जो पांच इंदौरी पत्रकार दर्शन करने आए थे वह भी अन्न क्षेत्र से ही घुसे थे या तो प्रशासन बताए कि शाम 7:00 से सुबह 7:00 तक कड़ी बंदिश यहां तक कि बेवहज घर से निकलने वाले लोगों को अस्थाई जेलों में डाल दिया जा रहा है, तो फिर प्रशासन पूर्ण रूप से व्यवस्था को टाइट क्यों नहीं कर रहा है? क्या सिर्फ माहौल बनाने से कोरोना वायरस पर विजय प्राप्त की जा सकती है? एसपी-कलेक्टर दोनों लोगों की मेहनत से कोई इनकार नहीं कर सकता पर समूह वाले क्षेत्रों पर प्रशासन के आला अधिकारियों का ध्यान आकर्षण कराना मीडिया का कर्तव्य है और वह इसका पालन कर रहा है। इंदौर से टाइट व्यवस्था होने के बावजूद आखिर कंटेनमेंट क्षेत्रों का उल्लंघन कैसे हो रहा है यह समझ से परे है? शुरू-शुरू में इंदौर में जरूर अस्थाई जैल बनाई गई थी लोगों को बंद किया गया पर इन सब को छोडक़र शासन टेस्टिंग कोर इलाज में लग गया और उसमें वह सफल भी हो रहा है अब प्रशासन को तय करना है कि वह क्या चाहता है?