बढ़ सकते हैं घरेलू अपराध और चोरी-चकारी - पैसे के लिए आदमी लालच में आकर अपराध भी करता है परिवार में झगड़ा लड़ाई यह आज से नहीं बरसों से चली आ रही है कहीं लोग कर्जे के कारण सट्टेबाजी में आत्महत्या तक को गले लगा लेते हैं वर्तमान में भारत की स्थिति डामाडोल है लंबा लाकड़ौन बेरोजगारी इस अवस्था में यदि सट्टा चालू हो जाता है पूर्ण रूप से तो अपराध का कारण बन सकता है प्रशासन को चाहिए कि वह इस पर नजर रखकर इसे बंद कराएं अन्यथा शहर में कभी भी कुछ भी अशुभ घट सकता है क्योंकि आदमी लालच के वशीभूत होकर घर से लेकर बाजार तक कोई सा भी अपराध घटित कर देगा क्योंकि उसके पास पैसा अभी आना नहीं है और लालच उसे अपराध के लिए उकसा आएगी यह सट्टे में होता आया है प्रशासन जहां एक और महामारी से लड़ रहा है वहीं दूसरी ओर यह बीमारी परेशानी का कारण बन सकती है।
मधुर, मिलन, कल्याण का लाक डाउन खुला - सटोरिया भी जागे स्वदेशी और आत्मनिर्भर