एक पालक की तरह पीएम मोदी ने किया देश को संबोधित, आत्म निर्भर बने, मिलेगा विशेष आर्थिक पैकेज, नए रंग-रूप का होगा लॉक डाउन 4 - जाने वो सब कुछ जिससे आपको जानना जरुरी
अग्निसाक्षी विशेष-  प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री देश में जारी लॉकडाउन में छूट देने या इसे बढ़ाने को लेकर घोषणा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ऐसे समय पर देश को संबोधित कर रहे हैं जब एक दिन पहले ही उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में ‘जन से जग’ का नारा देते हुए आर्थिक गतिविधियां शुरू करने पर जोर दिया था। उन्होंने राज्यों से संक्रमण गांवों तक न पहुंचने देने की रणनीति बनाने का आग्रह भी किया।

उन्होंने कहा कि जरूरत संतुलित रणनीति के साथ आगे बढ़ने और चुनौतियों से निपटने का रास्ता तय करने की है। इस दौरान, पांच राज्यों ने लॉकडाउन 17 मई के बाद भी बढ़ाने की मांग की। जबकि गुजरात ने इसका विरोध किया। राजस्थान व केरल ने लॉकडाउन में अधिक फैसले लेने के लिए राज्यों को और अधिकार देने की वकालत की। 

चर्चा के दौरान बिहार, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र ने लॉकडाउन बढ़ाए जाने का समर्थन किया, तो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और तेलंगाना ने 12 मई से ट्रेनें चलाने का विरोध किया। राजस्थान ने कहा- रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन तय करने का अधिकार राज्यों को मिले। जबकि केरल ने लॉकडाउन से जुड़े दिशा-निर्देशों में उचित बदलाव करने की आजादी की मांग की।

देश में लागू हो सकता है लॉकडाउन 4.0

लॉकडाउन 17 मई के बाद भी जारी रह सकता है। हालांकि, चौथे चरण में और छूट मिल सकती है। पीएम मोदी के बैठक में दिए बयान से इस तरह के संकेत मिले। उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि लॉकडाउन के पहले चरण में जिन नियमों की दरकार थी, वो दूसरे चरण में जरूरी नहीं रह गईं। उसी तरह तीसरे चरण के नियमों की दरकार चौथे चरण के लॉकडाउन में नहीं है।

विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा

कोरोना संकट क बीच मैं विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा करता हूं।

ये पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा।

हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थी, और आज जिस पैकेज का एलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब 20 लाख करोड़ रुपये का है। 

ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब 10 प्रतिशत है।

इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को 20 लाख करोड़ रुपये का संबल मिलेगा। 

20 लाख करोड़ का ये पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को नई गति देगा। 

आत्मनिर्भर भारत के संकल्प पूरा करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी सभी पर बल दिया है।

हमारे कुटीर, गृह उद्योग, के लिए हैं जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन हैं।

ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक, किसान के लिए है जो हर स्थिति हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन-रात परिश्रम करता है।

ये पैकेज उस मध्यम वर्ग के लिए है जो ईमानदारी से टैक्स देता है। 

मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ दे सकता है भारत -

आज दुनिया में भारत की दवाइयां नई आशाएं लेकर पहुंचती हैं।

आज दुनिया भर में भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा होती है, हर भारतीय को गर्व होता है।

दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है।

मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ दे सकता है। 

135 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का सपना।   

हमारे पास टैलेंट है, बेस्ट प्रोडक्ट बनाएंगे, क्वालिटी बढ़ाएंगे, सप्लाई चेन बढ़ाएंगे। ये हम कर सकते हैं और जरूर करेंगे।

मैंने अपनी आंखों से कच्छ भूकंप के दृश्य देखे हैं, हर तरफ मलबा ही मलबा। ऐसा लगता है जैसे कच्छ मौत की चादर डालकर सो गया है। तब लगता नहीं था कि कभी हालत बदलेंगे। लेकिन देखते ही देखते कच्छ उठ खड़ा हुआ।

यही हम भारतीयों की ताकत है। हम ठान लें तो कोई लक्ष्य मुश्किल नहीं। जहां चाह है वहां राह है।

ये है आत्मनिर्भर बनना, भारत आत्मनिर्भर बन सकता है।

ये पांच पिलर पर खड़ी है- पहला पिलर अर्थव्यवस्था

दूसरा पिलर इंफ्रास्ट्रक्चर।

तीसरा पिलर है हमारा सिस्टम, ऐसा सिस्टम जो 21वीं सदी के सपने को साकार करे।

चौथा पिलर है हमारी डेमोक्रेसी।

पांचवां पिलर है डिमांड, डिमांड के सप्लाई चेन को पूरा करने की जरूरत है। 

भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया है

जब ये संकट सामने आया तो भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी।

आज भारत में रोजाना 2 लाख पीपीई किट और दो लाख एन 95 मास्क बनाए जा रहे हैं।

ये इसलिए बनाए जा रहे हैं क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया है।

भारत की ये दृष्टि आत्मनिर्भर भारत के लिए उतनी ही प्रभावी सिद्ध होने वाली है।

आज विश्व में आत्मनिर्भर शब्द के मायने पूरी तरह बदल गए हैं। 

पीएम मोदी ने कहा

हम सुनते आए हैं कि 21वीं सदी भारत की है।

हमें दुनिया को विस्तार से देखने का मौका मिला है।

कोरोना संकट के बीच जो स्थिति बन रही है उसे भी देख रहे हैं।

21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना भी है ये हमारी जिम्मेदारी भी है। 

ये स्थिति हमें सिखाती है कि इसकी मांग एक ही है- आत्मनिर्भर भारत

हमारे शास्त्र में कहा गया है कि यही रास्ता है-आत्मनिर्भर भारत 

42 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, करीब पौने तीन लाख लोगों की दुखद मृत्यु हुई है।

भारत में भी अनेक लोगों ने अपने स्वजन खोए हैं। सभी के प्रति अपनी संवेदना जताता हूं। 

एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। 

विश्वभर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही है।

सारी दुनिया जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है, हमने ऐसा संकट न देखा है न सुना है।

मानव जाति के लिए ये सब कुछ कल्पनीय है, अभूतपूर्व है, लेकिन थकना, हारना, टूटना, बिखरना मानव को मंजूर नहीं है।