भोजन पार्टियों को हरी झंडी गरीबों के चेहरे खिले भोजन की बंपर आवक शुरू नगर निगम के कर्मचारी उपस्थित में कामकाज शुरू

शासन की एक चूक शहर में बना सकती है दो बडे हॉट स्पॉट

उज्जैन (सुरेश बमने)। उज्जैन विगत 4 दिनों से भोजन के लिए मचा हाहाकार आखिर कद्भ महाकाल बाबा के वार सोमवार के दिन से शांत हुआ। यह देखा गया कि अधिकांश भोजन बनाने वाले संगठन पुन: अपने काम में जुड़ गए हैं, नगर निगम के कर्मचारी की उपस्थिति में भोजन वितरण का कार्य बेहतर रूप से हो रहा है। लाइन लगाकर डिस्टेंस मेंटेन किया जा रहा है उसके बाद लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं, ताकि संक्रमण से बचाव हो सके। शासन को  चाहिए कि किसी तरह से इस व्यवस्था में बैलेंस रखते हुए जब तक लाक डाउन है शहर में खाने का वितरण संस्थाओं का उत्साहवर्धन कर चलाया जाए, अन्यथा शहर में नगर निगम, शासन भोजन व्यवस्था को संचालित नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें शहर के अन्य कामों को भी संभालना रहता है। मॉनिटरिंग के द्वारा जा रही भोजन व्यवस्था उचित प्रदर्शित हो रही है सभी जरूरत मेंद और भिक्षुक प्रसन्न नजर आए।

बिग बाजार और नरसिंह घाट पर भेज दिए गए भिक्षुक और दिहाड़ी मजदूर की स्क्रीनिंग होना चाहिए


शहर के दो अत्यंत भीड़ भरे क्षेत्र जहां पर सोशल डिस्टेंस चाहते हुए भी प्रशासन नहीं बना पा रहा है, बाबा महाकाल की कृपा से कुछ अनहोनी तो नहीं हुई लेकिन यदि कुछ अनहोनी घटित हो गई तो लेने के देने पड़ सकते हैं। क्षेत्रीय लोग भयभीत है, हालांकि पुलिस अपना कर्तव्य निभा रही है उन्हें बाहर नहीं निकलने दे रही है, लेकिन जहां एक ओर नरसिंह घाट पर खुले बगीचे वाली व्यवस्था है और सडक़ों पर भी खुलापन है लेकिन जब यह लोग रहवासी क्षेत्रों में घुसते हैं तो रहवासी क्षेत्र के लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जब इतनी बड़ी संख्या में कोई क्षेत्र में घुसता है तो संक्रमण के दौर में उसके हाथ पैर फूलना स्वाभाविक है। भले ही पुलिस इन पर नजर रख रही है पर इनका क्षेत्र में सोशल डिस्टेंस बनाए हुए घूमना और नरसिंह घाट पर सोना खतरे की घंटी है क्योंकि यदि संक्रमण किसी एक में ही फैल गया तो यह इन 400 लोगों का कोरोना ब्लास्ट शहर को फिर एक लंबे लाक डाउन उनकी ओर धकेल देगा। बिग बाजार के सामने स्थित सब्जी मंडी में भी हालात ऐसे ही बने हुए हैं वहां पर भी कई अधिकारियों को और मजदूरों को एक तरीके से नजरबंद कर रखा गया है वहां पर भी भीड़ का आलम यह है कि यदि किसी व्यक्ति को संक्रमण फैल गया तो नए शहर में भी एक बड़े ब्लास्ट के लिए यह जगह कभी भी परेशानी का कारण बन सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह इन दोनों क्षेत्रों के लोगों जो सब्जी मंडी और नरसिंह घाट पर रह रहे हैं उनकी स्क्रीनिंग कराएं ताकि यदि स्थिति संदेहास्पद दिखती हो तो उन्हें तुरंत अस्पताल भेजा जाए।

अभी तक ना डॉक्टर ना निगमकर्मी नाही आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता कोई भी जांच करने नहीं पहुंचा है इन दोनों जगह - 

एक ओर जहां कलेक्टर आशीष सिंह और नए एसपी मनोज सिंह लगातार अपनी तरित कार्यशैली के कारण शहर को कोरोना वायरस  के नियंत्रण से मुक्त कराना चाह रहे हैं वहीं दूसरी ओर इस तरह की गलतियां कभी भी विस्फोटक रूप ले सकती हैं प्रशासन के आला अधिकारियों को चाहिए इन लोगों की भी स्क्रीनिंग कराई जाएं और एक-आध ऐसा वॉलिंटियर्स छोड़ा जाए जो इस क्षेत्र से लगा हो इनकी तबीयत पर भी नजर रखी तथा सर्दी खांसी या इन्फेक्शन होने की स्थिति में प्रशासन को सूचित करें। इंदौर में कई अधिकारी और मजदूरों की इसी तरह सडक़ों पर प्रशासन ने स्क्रीनिंग कराई गई। लोग संक्रमित निकले थे कलेक्टर सिंह मामले को संज्ञान में लें और इन दोनों जगहों पर स्क्रीनिंग स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियुक्त करें जो प्रशासन को खबर देते रहें ज्ञात हो कि नरसिंह घाट पर आने वाला माली भी सिर्फ सुबह 1 घंटे आता है और भाग जाता है जबकि उसे वहां रहकर स्थिति पर नजर रखना चाहिए।