१४ अप्रेल को प्रकाशित लेख में गौरव धाकड़ ने दिया था स्वालंबन ( आत्मनिर्भर ) पॅकेज का आइडिया , आज हुआ लागू
दोस्तों हम हमारे पाठको को हमेशा विश्वसनीय खबरें व उच्च गुणवत्ता के लेख प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं ׀ १४ अप्रेल को अग्निसाक्षी के सम्पादकीय खंड में उज्जैन की शान ,परामर्शदाता मंच के प्रदेश अध्यक्ष और डीऐविवि के समाज विज्ञान अधययन शाला के शोधार्थी श्री गौरव धाकड़ द्वारा लिखित लेख *“ आपदा में अवसर”* शीर्षक से प्रकाशित किया था ׀ गौरव धाकड़ द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित उद्बोधन को लेकर कुछ सुझाव प्रस्तुत किये थे ׀ मूल था – कुटीर व् ग्रामोद्योग मॉडल ׀ लेखक ने प्रधानमन्त्री जी से पॅकेज में कोरोना संकट के दौरान सोशल दिस्टेसिंग रखते हुए गाँधी के आर्थिक दर्शन पर आधारित अर्थव्यव्स्था पर जोर देते हुए कृषि व सूक्ष्म, मध्यम एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन जाने का सुझाव दिया था ׀ लेखक ने देश के वर्तमान प्रधानमन्त्री और देश की जनता के बीच अभूतपूर्व संवाद की स्थति को प्लस पॉइंट मानते हुए वर्तमान परिद्रश्य में भारत के आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने हेतु वैश्वीकृत आयात निर्भर व्यवस्था के स्थान पर “स्वावलंबी अर्थव्यवस्था” का प्रस्ताव किया था ׀गौरव ने इस लेख में मशीनीकृत समाज से आगाह करते हुए बड़े उद्योगों के बंद होने से पर्यावरण पर अनुकूल प्रभाव , नगरो पर बढ़ते दबाव , श्रम प्रवजन की समस्या आदि के समाधान के रूप में उक्त आर्थिक संरचना को कोरोना संकट में उपयुक्त बताया था ׀ गौरव धाकड़ ने यह पॅकेज प्रधानमंत्री जी को ट्विटर व् अन्यमाध्यमो से भेजा भी था जिसपर कार्यवाही भी हुई है ׀
आप सभी को जानकर हर्ष होगा कि आज घोषित आर्थिक पेकेज में उपरोक्त के लगभग सभी सुझाव जैसे कृषि व सूक्ष्म, मध्यम एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन देने की घोषणा प्रधानमन्त्री जी ने की है ׀ उपरोक्त लेख के शीर्षक “आपदा में अवसर का प्रयोग भी पॅकेज के परिचय में किया गया है साथ ही गौरव धाकड़ द्वारा प्रयुक्त स्वालंबन शब्द के स्थान पर यद्यपि आत्मनिर्भर शब्द का प्रयोग किया गया है ׀ गौरव धाकड़ द्वारा बताया गया कि उपरोक्त लेख की प्रति उन्होंने प्रधानमन्त्री जी को प्रेषित की थी ׀ पूर्व में निर्धन कल्याण पॅकेज में भी इन्ही लेखक के विचारो को प्रधान मंत्री जी द्वारा स्थान दिया जाना और अब इतना बड़ा आर्थिक पॅकेज उज्जैन के इन्ही युवा के सुझावों पर केन्द्रित होना उज्जैन इंदौर के लिए बड़े गर्व की बात है ׀ अग्निसाक्षी परिवार यूँही गुणवत्ता पूर्ण और देश की नीति निर्माण को गति देने वाले लेख प्रकाशित करने को प्रतिबद्ध है ׀
गौरव के लेख की प्रमुख बाते
- वैश्विक स्तर पर संकट भारत के लिए अवसर की तरह
- सूक्ष्म , लघु एवं कुटीर उद्योगों पर बल
- आयत पर आधारित आर्थव्यवस्था के भार से मुक्ति
- क्रषि व् अनौपचारिक सेक्टर को प्रोत्साहन
- बड़े उद्योगों से महानगरो पर बढ़ते दबाव, पर्यावरणीय प्रभावों से भी मुक्ति