महाकाल की गैर में हरिहर मिलन, श्रीजी के बंगले की झांकी सहित 3 राज्यों के ढोल व बैंड देंगे प्रस्तुतियां


14 मार्च को मंदिर से निकलेगा ध्वज चलसमारोह, चांदी के ध्वज, स्टेट का ध्वज के साथ 21 ध्वजाएं, हाथी, घोड़े, बग्घी, वीरभद्र भैरव के रथ के साथ कई चीजे शामिल रहेंगी
उज्जैन (नगर प्रतिनिधि)। 14 मार्च को रंगपंचमी पर्व के अवसर पर महाकाल मंदिर की भव्य गैर निकलेगी। श्री महाकालेश्वर ध्वज चलसमारोह समिति के तत्वावधान में निकाली जाने वाली गैर में हरिहर मिलन, श्रीजी के बंगले सहित 6 नयनाभिराम झांकियां और मप्र सहित 3 राज्यों के आधा दर्जन से अधिक बैंड, ढोल शामिल होंगे जो पारंपरिक प्रस्तुतियों से हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। महाकाल मंदिर के पुजारी-पुरोहितों ने बताया कि शाम 6 बजे मंदिर में आमंत्रित अतिथियों के द्वारा ध्वज पूजन कर गैर का शुभारंभ किया जाएगा। गैर में 6 प्रमुख झांकियां शामिल रहेंगी। पहली झांकी हरिहर मिलन की होगी। दूसरी झांकी श्रीजी के बंगले की रहेगी जिसमें 56 भोग लगेगा। तीसरी झांकी में हनुमान जी महाराज भगवान सूर्यदेव से शिक्षा ग्रहण करते नजर आएंगे तो चौथी झांकी शिव परिवार की, पांचवीं कृष्ण की रासलीला की होगी तो छठी झांकी में शिव की लीला के दर्शन होंगे। इसके अतिरिक्त विशेष व सबसे आकर्षण का केंद्र भगवान महाकाल के सेहरा दर्शन की झांकी निकलेगी। श्री वीरभद्र भैरवनाथ का रथ भी शामिल होगा। गैर में एक चांदी का ध्वज, स्टेट का ध्वज एवं 21 ध्वजाएं, हाथी, घोड़, बग्घी भी निकलेंगे। इसी प्रकार मुख्य आकर्षण होंगे बैंड मप्र के उज्जैन, इंदौर के आरके, बालाजी व राजकमल बैंड के साथ महाराष्ट्र के नासिक का ब्रास बैंड, मुंबई का प्रसिद्ध आराध्य ढोल ताशा पथक, पूना का नादब्रह्म और दिल्ली का पंजाबी भांगड़ा ढोल शामिल होने आ रहा है। ये सभी बैड, ढोल के ग्रुप अपने कई सदस्यों के साथ पारंपरिक रंग-बिरंगी वैशभूषा में वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति देते हुए निकलेंगे। गैर महाकाल मंदिर से शुरू होकर तोपखाना, दौलतगंज, फव्वाराचौक, नईसड़क, कंठाल चौराहा, सतीगेट, बड़ा सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनीबाजार, गुदरी चौराहा होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचकर समाप्त होगी।