मीन संक्राति खरमास में विवाहादि मांगलिक कर्म पूरे एक महीने बन्द रहेंगे, 14 मार्च से सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद अगले महीने 14 अप्रैल तक खरमास हाेने के कारण किसी भी तरह के शुभ कामों के लिए मुहूर्त नहीं रहेगा। इसके बाद सूर्य के अपनी उच्च राशि में आ जाने पर शुभ कार्य प्रारंभ होंगे माँ शीतला संस्कृत पाठशाला के आचार्य पं अंकित मार्कण्डेय जी ने बताया कि
सूर्य के मीन राशि मे प्रवेश करते ही खरमास की अवधि प्रारंभ होती है,पूरे एक महीने
इस अवधि में शुभ मांगलिक कार्य के मुहूर्त नही होते है, मुंडन,विवाह , गृहप्रवेश, ,उपनयन संस्कार, आदि कर्म नहीं किये जाते है।
सूर्य का मीन राशि मे प्रवेश
14 मार्च 02:24 दिन
मांगलिक कार्य बंद ।
सूर्य का मेष राशि मे प्रवेश
13 अप्रेल 10 :29 रात
मांगलिक कार्य प्रारंभ।
ऐसा क्यो होता है,1 महीने ...
सूर्य जब देवगुरू बृहस्पति की राशि धनु ओर मीन में गोचर करते है तो यह काल बृहस्पति के निस्तेजन का काल माना जाना है क्योंकि सूर्य एक तेजवान ग्रह है वे जब बृहस्पति की राशि मे प्रवेश करेंगे तो उनके बल व प्रभाव को प्रभावित करते है,साथ ही बृहस्पति के निस्तेजन से सूर्य का बल भी प्रभावित होता है,जब दोनों ग्रह का बल व प्रभाव परस्पर कम होता है तो यह काल खरमास मलमास कहलाता है,
खरमास में क्या करें..
आचार्य पं अंकितमार्कण्डेय जी ने बताया कि इस पूरे माह में भगवान विष्णु की पूजा कर उन्हें तुलसी के पत्तों के साथ खीर का भोग लगाये
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके भगवान विष्णु का केसर युक्त दूध से अभिषेक करें व तुलसी की माला से 11 बार भगवान विष्णु के मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः' का जप करें।
पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है, में पीपल की पूजा करना भी शुभ रहता है।
कार्यक्षेत्र में उन्नति के लिए...
खरमास की नवमी तिथि को कन्याओं को भोजन करवाना पुण्य फलदायी माना जाता है।
खरमास में क्या न करें...
इस पूरे मास विवाह, सगाई, ग्रह-प्रवेश आदि धार्मिक शुभकार्य या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
घर का निर्माण कार्य या फिर निर्माण संबंधी सामग्री भी इस समय नहीं खरीदनी चाहिए
आचार्य पं अंकित मार्कण्डेय
माँ शीतला संस्कृत पाठशाला खण्डवा
8109203108