भगोरिया में जमकर थिरके आदिवासी समुदाय, 7 दिन तक लगता है अलग अलग हाट-बाजारों में भगोरिया
खण्डवा (प्रकाश पटेल) । 7 दिन तक अलग-अलग हाट बाजारों में भरता है भगोरिया जिसमे खण्डवा जिले के पंधाना तहसीली के अंतर्गत आने वाले ग्राम बोरगांव बुजुर्ग में सबसे बड़ा भगोरिया लगता है ग्राम बोरगांव में बहुत दूर - दूर से भगुरिया मनाने आते हैआदिवासी समुदाय के लोग होली से कुछ दिन पूर्व लगने वाले एक दिवसीय भगोरिया पर्व ग्राम बोरगांव में मनाया गया। पुलिस चौकी के सामने बने प्रांगण में वर्षों से चले आ रहे इस मेले का आयोजन किया गया। दूर दूर से आये हजारो की संख्या में आदिवासी समाज के लोग इस मेले को देखने पहुँचते है। आदिवासी भाई बहन बड़े ही धूम धाम से होली के इस त्यौहार को मनाते हैं, होली पर्व से पूर्व रंग गुलाल से लेकर अपने अपने घरों में लगने वाले जरूरी सामग्री की खरीदी करने हेतु ये लोग अपने पूरे परिवार सहित इस मेले में पहुँचते है।रस भरी जलेबी के रूप में इस मिठाई को खाना एवम घर ले जाना शुभ माना जाता है।आदिवासी भाइयो द्वारा अपने पारंपरिक वेशभूषा में ढोल ताशो की धुन पर जमकर नाच गाकर एवं एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली त्यौहार के आगमन की खुशी का इजहार करते दिखाई दिए। कुछ पुरुषों के हाथों में बंदूक ,कुल्हाड़ी दिखाई दे रही थी बंदूक ,कुल्हाड़ी ऐसे लग रही थे जैसे असली हो वह आकर्षण का केंद्र रहा जहा एक ओर छोटे छोटे बच्चों ने झूलो का आनद ले रहे थे, एवं कुछ युतियों ने अपने हाथों पर नाम भी गुदवाए वही लगी दुकानो से अपने लिए जमकर खरीदारी की।
पुलिस प्रशासन रहा अलर्ट
भगोरिया मेले में पहुँची हजारो की संख्या में पहुँचे लोगो के लिए बोरगांव चौकी प्रभारी राधेश्याम मालवीय एवं उनकी टीम लगातार सक्रीय दिखाई दी।मेले में किसी भी प्रकार की मादक पदार्थों की बिक्री जुआ पर पूरी तरह से अंकुश लगाया हुआ था।वही दूसरी ओर जेबकतरों पर भी पूरी तरीके से निगरानी रखे हुए थे। महिलाओं एवमं बच्चों की सुरक्षा के लिए लगातार गस्त लगाते पुलिस महकमा दिखाई दिया।