उज्जैन। जयपुर की पांच सितारा होटल की चाक-चौबंद व्यवस्था मे रहकर भोपाल लोटे कांग्रेस के विधायकों में से 2 विधायकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से ग्रसित होना बताया था ,15 मार्च को उज्जैन जिले के तराना तहसील के विधायक महेश परमार ने मीडिया को सूचित किया की जयपुर से भोपाल आने वाले विधायकों में से दो विधायकों को कोरोना संक्रमण से ग्रसित होना पाया गया है उसके बाद विधानसभा सत्र आरंभ हुआ एवं इसमें सभी कांग्रेस विधायकों एवं बीजेपी के विधायक विधानसभा सत्र में मौजूद रहे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कोरोना संक्रमण से ग्रसित वह दो विधायक आखिर कौन थे? और कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए किस आइसोलेटेड वार्ड में उनको रखा गया है ?कौन से डॉक्टर हैं ?,जो उनका इलाज कर रहे हैं और ऐसा नहीं है तो क्या संक्रमित विधायक बाकी सभी विधायकों के साथ एक ही होटल में ठहरे हुए हैं , अगर ऐसा है तो क्या संक्रमित विधायकों से बाकी के विधायकों एवं कार्यकर्ताओं ,होटल कर्मचारियों आदि पर कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना नहीं है? इन सभी सवालों के जवाब की मांग बीजेपी एवं उज्जैन से सांसद अनिल फिरोजिया द्वारा, कमलनाथ सरकार से कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को कल याने 20 मार्च को कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट कराने को कहा है ऐसे में सवाल सवाल फिर वही है कि कल फ्लोर टेस्ट मैं कांग्रेस के वे कोरोना वायरस से संक्रमित विधायक भी हिस्सा लेंगे क्योंकि 4 दिन के बाद भी कांग्रेस की तरफ से उन दो विधायकों के नाम उजागर नहीं किए गए हैं ऐसे में दो विधायकों के विषय में संशय अभी भी बना हुआ है अगर वाकई में वह दो कांग्रेस के विधायक कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं और वह फ्लोर टेस्ट के लिए भी विधानसभा में सम्मिलित हो रहे हैं तो यह एक चिंता का विषय है, वहीं विधायकों के कोरोना संक्रमण से ग्रसित होने की बात सिर्फ फ्लोर टेस्ट से बचने के लिए मीडिया के सामने बताई गई थी तो वह और भी ज्यादा चिंता का विषय एवं जनप्रतिनिधियों की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाता है। बाहर हाल कांग्रेस विधायक द्वारा यह बात तब कहीं गई है जब भारत सहित पूरा विश्व कोरोना संक्रमण के संकट से जूझ रहा है एवं डब्ल्यूएचओ ने इसे महामारी घोषित किया है । उज्जैन से बीजेपी सांसद अनिल फिरोजिया द्वारा यह मांग की गई है की अगर वास्तविक में कांग्रेस के दो विधायक कोरोना संक्रमण से ग्रसित है तो महेश परमार द्वारा उनके नाम उजागर करना चाहिए एवं उन्हें अलग आइसोलेटेड वार्ड में उपचार के लिए भेजना चाहिए और अगर यह गलत खबर है तो विधायक महेश परमार सहित कमलनाथ सरकार को इस पर मीडिया के समक्ष स्पष्टीकरण देना चाहिए, एवं इस बयान की सच्चाई की जांच होनी चाहिए।
आखिर कहाँ हो गए लापता वो दो विधायक ?