उज्जैन/नागदा। उज्जैन जिले के नागदा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पकड़ाए फर्जी आरपीएफ आरक्षक को अदालत के आदेश पर शनिवार को जेल भेज दिया गया । हालांकि जीआरपी ने इस मामले में 5 दिनों का रिमांड मांगा था। इस प्रकरण में पुलिस अब आरक्षक बनाने के लिए आरोपी से 3 लाख रूपए लेने वाले शख्स पर कार्यवाही के लिए निगाहे टिकी है।
जीआरपी प्रभारी अजय मिश्र ने बताया आरोपित श्रवण भारती को रिमांड की मांग को लेकर न्यायालय में पेश किया गया था। लेकिन अदालत ने जेल भेजने का आदेश दिया। उन्होंनें बताया आरोपित के माता- पिता के आने का इंतजार किया जा रहा है। यदि उनके पास ऐसे कोई दस्तावेज मिलेंगे जैसा कि आरोपित अपने बयान में बता रहा है कि उससे आरपीएफ में नौकरी दिलाने के नाम पर भूपेंद्रसिंह निवासी जयपुर ने 3 लाख रूपए लिए हैं। यदि इस प्रकार के कोई प्रमाण मिलते है तो भूपेद्रसिंह पर भी कार्यवाही की जाएगी।
ट्रेन में यात्रा करते नागदा में पकड़ाया था
गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह जीआरपी एवं आरपीएफ ने संयुक्त रूप से ट्रेन जयपुर- बांद्रा से यात्रा करते हुए आरपीएफ की वर्दी पहने हुए श्रवण भारती पिता दूला उम्र 22 वर्ष निवासी गांव गारेरा जिला नागोर राजस्थान को पकड़ा था। यह ट्रेन स्टापेज के समय प्लेटफॉर्म पर घूम रहा था। पूछताछ में जीआरपी एवं आरपीएफ के अधिकारियों को पता चला कि पकड़ा गया आरोपी आरपीएफ का फर्जी आरक्षक है।
मुख्य -जीआरपी चौकी प्रभारी अजय मिश्र ,आर पी एफ थाना प्रभारी एम.आर.अंसारी ,आरक्षक प्रतीक,प्रशांत शर्मा ,मुकेश,अनिल भूमिका रही । सयुक्त कार्यवाही की गई।।