उज्जैन । उज्जयिनी में स्थित विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिण मुखी श्री महाकालेश्वर मंदिर में विराजमान भगवान श्री महादेव ने महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 22 फरवरी को पुष्प मुकुट धारण कर श्रद्धालुओं को दर्शन दिये। वर्ष में एक बार होने वाली दोपहर की भस्मार्ती में बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर अपने आप को धन्य महसूस किया और दर्शन पाकर अभिभूत हुए। भगवान भोलेनाथ ने अपने भक्तों को दिव्य रूप में दर्शन दिये महाशिवरात्रि पर्व पर लगातार भगवान शिव के दर्शन 21 फरवरी की प्रात: 2.30 बजे से अगले दिन 22 फरवरी को शयन आरती तक भक्तों को दर्शन देते है। उसके बाद रात्रि 11 बजे पट बंद होते है।
महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 22 फरवरी को प्रात: 4 बजे भगवान महाकाल को सेहरा चढाया गया। और उसके बाद प्रात: 6 बजे सेहरे की आरती की गई। उसके बाद प्रात: 11 बजे से सेहरा उतारा गया तत्पश्चात दोपहर 12 बजे से भगवान महाकाल की भस्मार्ती प्रारंभ हुई। भस्मार्ती में शामिल हुए बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया और अपने आप को धन्य महसूस किया। भस्मार्ती के पूर्व बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किये। इस बार श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रशासक के द्वारा की गई व्यापक व्यवस्थाओं से प्रसन्नता प्रकट की और प्रशासन की सराहना की। भस्मार्ती शामिल हुए सेकडों भक्तों ने बडे ध्यान मग्न होकर भगवान भोलेनाथ की आरती का दर्शन लाभ लिया। भस्मार्ती के बाद मंदिर समिति की ओर से महाकाल प्रवचन हॉल में पारणा भोजन (ब्राम्हण भोज) हुआ। जिला प्रशासन के मुखिया श्री शशांक मिश्र, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर एवं प्रशासक श्री एस.एस. रावत ने की गई व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान करने पर सबका आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया।
भस्मार्ती में महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, पार्षद गण सहित प्रशासनिक अधिकारी आदि शामिल हुए। प्रशासक श्री एस.एस. रावत आज प्रात: से ही व्यवस्थाओं पर कडी नजर रखे हुए थे और संबंधितों को व्यवस्थाओं के संबंध आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे। प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं से आम श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता झलक रही थी। महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित निर्गम गेट के सामने नि:शुल्क हरबल चाय सेवा के अंतर्गत काउनटर पर दो दिन में हजारों श्रद्धालुओं ने हर्बल चाय का आनंद लिया।