आज से शुरु हो रहे हैं मलमास(खरमास), भूलकर भी इस समय न करें ये शुभ काम, ये है वजह


हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम करने से पहले पंचांग देखकर उसके लिए शुभ दिन निकाला जाता है। लेकिन खरमास या मलमास एक ऐसा माह है जिसमें कोई भी मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। इस साल मलमास सोमवार, 16 दिसंबर से शुरू हो रहे हैं।जो कि सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद समाप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस माह मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।


खरमास के महीने में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार, वधु प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का शुभारंभ आदि जैसे मांगलिक कर्म नहीं किए जाते हैं। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने और सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा बताई गई है। बता दें, जनवरी 2020 में 15 तारीख को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद मकर संक्रांति के ही दिन खरमास का माह समाप्त होगा। ऐसे में आइए जान लेते हैं वो सभी काम जो इस खास माह में करने की मनाही होती है।


मलमास में भूलकर भी नहीं करने चाहिए ये 3 काम-


1-मलमास (खरमास) में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे-शादी, सगाई, वधु प्रवेश, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ आदि नहीं किया जाता है।


वजह- इस समय सूर्य गुरु राशि में रहता है, जिसके कारण गुरु का प्रभाव कम हो जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार मांगलिक कार्यों के सिद्ध होने के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत जरुरी माना जाता है। ऐसा इसलिए क्?योंकि बृहस्पति जीवन के वैवाहिक सुख और संतान से जुड़े शुभ फल देने वाला माना जाता  है।


2-खरमास में नए मकान या संपत्ति की खरीदारी करना अशुभ माना जाता है।


वजह- अगर इस समय किसी भवन इत्यादि की खरीदारी की जाती है तो उसे जुड़ा नुकसान उठाना पड़ सकदता है। 


3-इस मास के दौरान नया वाहन भी नहीं खरीदना चाहिए।


वजह- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर इस समय कोई व्यक्ति वाहन इत्यादि की खरीदारी करता है तो उक्त वाहन से संबंधित कष्टों को झेलना पड़ सकता है।


खरमास में करें ये काम


-खरमास में सूर्य का गुरु राशि में गोचर होने की वजह से ये समय पूजा-पाठ और मंत्र जाप के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है।


-इस समय अनुष्ठान से जुड़े कर्म को साथ पितरों से संबंधित श्राद्ध कार्य करना भी अनुकूल माना गया है।


-खरमास में जलदान का भी बहुत महत्व माना जाता है। इस समय ब्रह्म मूहूर्त के समय किए गए स्नान को शरीर के लिए बहुत उपयोगी माना गया है।