नागदा में शासन के आदेश की धज्जियाँ ग्राम पंचायत उड़ाते नजर आई, पंचायतो में मिला ताला


उज्जैन/नागदा। नागदा खाचरोद तहसील में ग्राम पंचायतों में जन सुनवाई के नाम पर ताला मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आदेश की अवहेलना कर रही है ग्राम पंचायत नागदा खाचरोद तहसील की 130 पंचायत में आधा दर्जन से ज्यादा पंचायतों में मिले ताले जबकि मंगलवार की जनसुनवाई पंचायतों में होती है इस विषय पर जब संवाददाता द्वारा सर्वे किया गया तो मालूम हुआ कि पंचायत सचिव पंचायतों में आते ही नहीं है मंगलवार की जनसुनवाई के लिए जनप्रतिनिधि या सचिव या सहायक सचिव कोई भी प्रतिनिधि या सरकारी कर्मचारी नहीं मिलते हैं और ग्रामीण के लोग 7 दिन में 1 दिन का जो शासन द्वारा आदेश किया गया है कि ग्राम पंचायत में जिस किसी ग्रामीण को अपनी परेशानी के विषय में पंचायत में अपना या अपने गांव की बात रखने का अधिकार दिया गया है मंगलवार की जनसुनवाई ग्राम पंचायतों में होना चाहिए लेकिन यह मालूम हुआ कि पंचायतों में मंगलवार की जनसुनवाई के नाम पर सचिव, सहायक सचिव सरपंच सभी अपने-अपने हाल में मस्त होकर पंचायतों में ना मिलकर अपने-अपने घर परिवार व घूमने-फिरने के नाम पर छुट्टियां मनाते हुए दिखे और कुछ सचिव से जब मिडिया ने बात की तो सचिव द्वारा जानकारी मिली कि हम अपने घर के काम में व्यस्त होने के कारण पंचायत नहीं आए यही मामला नागदा के ग्राम पंचायत टकरावदा में सचिव मनीषा व्यास से भी संवाददाता ने जब बात की तो उनका भी यही जवाब मिला कि मैं अभी मेरे परिवार के घर के कामों में व्यस्त हूं आज नहीं आऊंगी नहीं आने का उनसे फोन पर चर्चा हुई उसी दौरान उनके पंचायत सहायक सचिव दयाराम से भी चर्चा हुई उनसे मालूम हुआ कि उन्हें मैडम सचिव ने जानकारी दी थी कि में निर्वाचन के काम के लिए खाचरोद जनपद  जा रही हूं  उनके द्वारा जानकारी मिली लेकिन दोनों सहायक सचिव, सचिव का अलग -अलग  जवाब मिला। ऐसी ही एक ग्राम पंचायत नायन  भी  मंगलवार जन सुनवाई के नाम पर मिला ताला पंचायत पर सचिव से बात की उनका भी जवाब मिला कि मैं भी निर्वाचन के काम से जनपद हूँ इसलिए मैं भी आज पंचायत नहीं आया वहां के एक निवासी ग्रामीण से भी बात हुई तो उनका जवाब यह था कि आज तो पंचायत में कोई भी नहीं आया ना सरपंच ना सचिव और ना ही सहायक सचिव ऐसा ग्रामीण ने भी जवाब दिया लेकिन जब पंचायत के सहायक सचिव से बात की तो उनका जवाब राधेश्याम  से बात हुई तो  जवाब  दिया कि सिर्फ मैं अभी खाना खाने गया था और निर्वाचन का काम जो कि गांव में सर्वे करना उस वजह से मैं भी पंचायत बंद कर गांव में कार्य कर रहा था जब उनसे जानकारी ली कि आज पंचायत में सचिव आए थे या नहीं आए थे उनका भी जवाब यही मिला कि सचिव  सिर्फ एक-आध घंटा आए थे और इसके अलावा नहीं आए थे जनसुनवाई कि जब बाकी दोनों का जवाब था कि गांव में जनसुनवाई के लिए कोई भी नहीं आया जब कि वहां के ग्रामीणों का कहना है कि मंगलवार जन सुनवाई के नाम पर यह लोग नहीं मिलते हैं पंचायत में तो हम हमारा दुखड़ा किसे सुनाएं एक और  ग्राम पंचायत पाड़सुतिया में भी मंगलवार जनसुनवाई के नाम पर मिला ताला और पंचायत को कबाडख़ाना बना रखा है पंचायत में सरपंच, सचिव के कमरे का ताला लेकिन उस पंचायत की धज्जियां उड़ा रखी है और वहां पर पंचायत गांव में चल रहे काम के मजदूरों का आशियाना बना हुआ दिखाई दिया  जिसमें स्वच्छता की अगर बात की जाए तो सचिव की लापरवाही सरपंच का सरक्षण से इस पंचायत को कबाडख़ाना बना दिया जिसमें यहां के शासन प्रशासन का कोई ध्यान नहीं यहां के सचिव व सरपंच मिलकर अपनी मनमानी करते हैं सचिव पाठक से बात की तो उन्होंने भी यही जवाब दिया कि में तो आज पंचायत आया नहीं हूं मेरी निर्वाचन के काम से जनपद खाचरोद आया हूं और ग्राम पंचायत पचलासी  में भी ताला मिला जनसुनवाई के नाम पर जब सचिव उपाध्याय से बात की तो उनका कहना था कि मैं भी अभी घर आया हूं निर्वाचन के काम से  लेकिन वहां से भी ग्रामीणों का कहना था कि पंचायत में मंगलवार जन सुनवाई के नाम पर कोई नहीं मिलता है जब इस विषय पर अगर््िन साक्षी के संवददाता  ने जनपद सी. ओ. प्रदीप पाल से बात करना चाही तो उन्होंने संवाददता का फोन ही अटेंड नहीं किया जबकि संवाददाता ने  बार-बार फोन कर अधिकारी को इस विषय पर ग्राम पंचायतो के सचिवों की लापरवाही को संज्ञान में देने के लिए उन्हें बार-बार अवगत करा रहे थे, लेकिन उन्होंने संवाददाता का फोन ही अटेंड नहीं किया और ना ही उनकी तरफ से कोई मैसेज मिला इससे मालूम होता है कि कहीं ना कहीं ग्राम पंचायतों में चल रही सचिव की लापरवाही का अधिकारियों को सपोर्ट है जिसकी वजह से कुछ न कुछ गड़बड़ झाला दिखाए दे रहा है सचिव और अधिकारियों की कहानी शायद अब तक शासन- प्रशासन के सामने नहीं आई। प्रदेश के मुखिया से लेकर सभी शासन-प्रशासन के अधिकारी मंगलवार की जनता-जनार्धन की समस्आयों को सुन उनका समाधान करते है, परन्तु ग्रामीण क्षेत्र में आला अफसरों को ध्यान देना होगा।