बिडलाग्राम स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी लेनसेक्स से निकलते केमिकल्स प्रदूषित पानी का मामला प्रदूषण विभाग के अधिकारियों के गले की फांस 


उज्जैन/नागदा (राकेश शर्मा) । नागदा बहुराष्ट्रीय कंपनी लेनसेक्स उधोग प्रदूषण अफसर ने झाडा पल्ला गले की फांस बना। जब  अग्नि साक्षी के संवाददाता राकेश शर्मा द्वारा प्रकाशित कर इस मामले को प्रमुखता से उठाया तो मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण के रीजनल ऑफिसर हरकत में आए, खबर रिलिज होते ही स्वयं जिला मुख्यालय से नागदा पहुच कर यहां उन्होंने इस मामले को समझा। कई विरोधाभाषी बातें सामने आई एक्डिट पाइंट पर आए तब कुछ और अंजान शिकायतकर्ता के सामने अपना रुबाब झाडा, उधोग के अधिकारियों को तुरंत बुलाया और कहा कि ये आपके उद्योग की अवैध पाइपलाइन है, और इससे क्षेत्र में केमिकल्स वाला काला पानी होता हुआ पाइपलाइन के माध्यम से चंबल नदी को प्रदूषित कर रहा है। उधोग के अधिकारियों के साथ निरिक्षण कर वन टू वन करने लगे। शिकायतकर्ता के कहने पर कि चंबल नदी के पास इनका इस अवैध पाइपलाइन का फिड सेंटर बना हुआ है उसका भी मौके पर चलकर निरिक्षण कीजिए तभी उधोग के अधिकारी नरेंद्र राजावत, सुशील शाह, ने प्रदूषण नियंत्रण जिला अधिकारी एस. एन. द्विवेदी को बताया कि यह पाइपलाइन सिर्फ क्षेत्र का गंदा पानी लेते है और इसके अलावा कोई उपयोग नही होता है। चंबल नदी किनारे पर एक फीड पम्पिंग सेंटर बना रखा मोटर चलाकर लेते है। जब स्पॉट  पर जाकर देखा तो कहानी कुछ और निकली क्षेत्र का पानी नाले में आता हुआ दिखाई दिया वही उद्योग के मेन गेट के सामने ही बहुत खतरनाक केमीकल वाला काला पानी दिखाई दिया। जब प्रदूषण अधिकारी द्वारा कहा गया कि इस पंप को चालूकर दिखाए तो वहां पर कर्मचारी और चौकीदार ने कहा मोटर चालू है। लेकिन जब उद्योग अधिकारी राजावत, प्रदूषण अधिकारी द्विवेदी कहने पर चालू करने को कहा तो नही चल पाया। उससे मालूम हुआ कि उद्योग अधिकारी, कर्मचारी, चौकीदार मिलकर मेहतवास वार्ड नंबर 35 की जनता के साथ उनके जीवन से खिलवाड कर साथ चंबल नदी को प्रदूषित कर रहे है। शिकायतकर्ता ने एक पाइंट बताया उद्योग से लगा किसान के खेत मे कुँआ है जिसमे इस विदेशी कंपनी लेनसेक्स द्वारा जमीन में खतरनाक रायसनिक अपशिष्ट पदार्थ गाड दिया जाता है उसी के कारण क्षेत्र के सभी बोरींग, नलकूप, कुँआ खराब कर दिया है। इसी कारण गरीब किसानों के कुएं भी खराब कर दिया है। प्रदूषण अधिकारी ने निरीक्षण करने के बाद दोनो जगह का सेंपल लिया- जब प्रदूषण नियंत्रण जिला मुख्यालय अधिकारी ने उधोग से आए अधिकारी बात करने पर कुछ प्रदूषण अधिकारी निरीक्षण करने के बाद रंग पलटा ओर कहा कि सेंपल की पूरी जाँच की जाएगी फिर कार्यवाही होगी। लेकिन जब मीडिया के बात करने पर उद्योग के पाइपलाइन और काला पानी केमिकल पर जवाब मांगा गया तो गोल माल बात करने लगे। उनकी बात से लगा कि वह सिर्फ दिखावे के लिए आए और खाना पूर्ति कर अवैध पाइपलाइन ना हटाने को कहा और नही शिकायतकर्ता के अनुसार बहुराष्ट्रीय कंपनी लेनसेक्स के यूनिट हेड संजय सिंह, एच. आर.पिंटू दास से कोई भी नहीं की। जबकि प्रदूषण एस. एन. द्विवेदी द्वारा बताया गया कि इस उद्योग लेनसेक्स के खिलाफ क्रिमनल दो केस भी लगे हुए। उसके बाद भी इस उद्योग की अवैध पाइपलाइन हटाने को नही कहा।  इसका प्रमाण शिकायतकर्ता के बताने पर 2016 की परमीशन के बाद 2019 तक अवैध पाइपलाइन है फिर भी कोई कार्यवाही नही की शायद की प्रदूषण अधिकारी द्विवेदी सिर्फ खाना पूर्ति कर अपना भी उधोग से चाय,नाश्ता,(लिफाफा) सेट करने आए थे। सूत्रों से जानकारी मिली की इस पाइपलाइन के फिड सर्विस पम्पिंग सेंटर भी अवैध रूप कब्जा कर रखा है। बहुराष्ट्रीय कंपनी लेनसेक्स उधोग की अवैध पाइपलाइन की खबर प्रकाशित होने पर उधोग के यूनिट हेड संजय सिंह, एच. आर.पिंटु दास अधिकारी नही दलाल बनकर दलाली के चक्कर मे मानव जीवन के साथ खिलवाड कर रहे है। इस खबर से अवैध पाइपलाइन के चाटुकार उभर कर बाहर आ रहे है जो श्याम सिंह डोड, आशीष रघुवंशी लगते है। सबसे ज्यादा खबर का असर इन शुभचिंतक को हो रहा है शायद की इस खबर से और भी सामने आएंगे। सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि उद्योग अब युवाओं को नौकरी देने की लॉलीपाप बांटने वाला है जिससे इस मामलें को दबाया जा सके।